Sunday, November 10, 2019

मेरी रूह ग़र अम्मा है तो मेरी आत्मा अब्बा हैं ! दरम्याँ रूह और आत्मा , के जो फासला है ! वही अम्मा , वही अब्बा हैं ! --- अनवर हुसैंन अणु भागलपुरी


No comments:

Post a Comment