Tuesday, December 10, 2013

एक चिंग़ारी....! ***********-********** जलती है एक चिंग़ारी, ज्वाला बनकर धकधक धक धकधक धक, धकधक धक..! डब्बो से डब्बो को जोड़े, लौहपथ़ पे सरपट दौड़े, गऱजन करती श़ोर मचाती, इंकलाबी जोश़ जग़ाती , चित्कारो से राह़ बनाती, इंज़न बढ़ती धकधक धक धकधक धक ,धकधक धक..! कबतक चुप रहोग़े जानी, पीते रहोग़े माँग़कर पानी ! अपने ही अधिकारो से , ये है कैसी नाद़ानी ...? सुनो..! थोढ़ी मेरी भी वाण़ी.....! तोढ़ती है ख़ामोशी , छोटी सी एक ठक़ठ़क ठ़क ठ़कठक़ ठ़क , ठ़कठक़ ठ़क..!! जलती है एक चिंग़ारी , ज्वाल़ा बनकर धकधक धक... धकधक धक , धकधक धक !!! एक सोंच ही है काफ़ी, अंधकार मिटाने को , "एडीस़न" ने जो ठानी , रौश़नी फैलाने को.! कर दी दुनिय़ा उसने रौश़न , इक पल में ही , झक़झक़ झक़ झक़झक़ झक़ , झक़झक़ झक़ !! ज़लती है एक चिंग़ारी, ज्वाला बनकर ,धक़धक़ धक़, धक़धक़ धक़ ,धक़धक़ धक़..!!! अनवर हुसैन अनु (आप की ज़ीत पे मेरी आम आदमी व अरविंद जी को मेरी ये भेंट ) ...

Awaz Do Hum Ko: गरीबों का लेखक- मुंशी प्रेम चंदएक चिंग़ारी....!
***********-**********
जलती है एक चिंग़ारी,
 ज्वाला बनकर धकधक धक
धकधक धक, धकधक धक..!

डब्बो से डब्बो को जोड़े,
लौहपथ़ पे सरपट दौड़े,
गऱजन करती श़ोर मचाती,
इंकलाबी जोश़ जग़ाती ,
चित्कारो से राह़ बनाती,
इंज़न बढ़ती धकधक धक
धकधक धक ,धकधक धक..!

कबतक चुप रहोग़े जानी,
पीते रहोग़े माँग़कर पानी !
अपने ही अधिकारो से ,
ये है कैसी नाद़ानी ...?

सुनो..!
थोढ़ी मेरी भी वाण़ी.....!
तोढ़ती है ख़ामोशी ,
छोटी सी एक ठक़ठ़क ठ़क
ठ़कठक़ ठ़क , ठ़कठक़ ठ़क..!!
जलती है एक चिंग़ारी ,
ज्वाल़ा बनकर धकधक धक...
धकधक धक , धकधक धक !!!

एक सोंच ही है काफ़ी, 
अंधकार मिटाने को ,
"एडीस़न" ने जो ठानी ,
रौश़नी फैलाने को.!
कर दी दुनिय़ा उसने रौश़न ,
इक पल में ही , झक़झक़ झक़
झक़झक़ झक़ , झक़झक़ झक़ !!
ज़लती है एक चिंग़ारी,
ज्वाला बनकर ,धक़धक़ धक़,
धक़धक़ धक़ ,धक़धक़ धक़..!!!

                  अनवर हुसैन अनु

( आम आदमी को   ये भेंट )

...

No comments:

Post a Comment